Sharad Purnima

धन्य घडी यह “शरद पूर्णिमा”, मिला हमें जिसका वरदान |
संत शिरोमणि और ज्ञान से, पूर्ण हुई ये सदी महान ||

शरद पूर्णिमा – अश्विन शुक्ल १५, वी. नि. सं. २५४०:

आज का दिवस एक ऐसी महान तिथि को है, जो हमें महान पुन्यवान सिद्ध करता है, हमें ही क्योँ सारे भ्रम्हांड को पुण्यवान और अतिशय युक्त बनता है | क्यूंकि आज इस पवन तिथि को इस सदी के महानतम दिगम्बर आचार्य संत शिरोमणि १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज और गणिनी आर्यिका १०५ ज्ञानमती माताजी का जन्मोत्सव है | धन्य है हम जो इस सदी मैं मनुष्य हुए और इनकी मधुर वाणी सुन के भाव सागर से पार होने मोक्ष मार्ग पर चल उठे |

आचार्य श्री विदिशा (म. प्र.) में विराजमान हैं |
आर्यिका माता ज्ञानमती जी जम्बुद्वीप, हस्तिनापुर में विराजमान हैं |

आचार्य श्री सा और कोई चिन्तक कभी नही हो सकता,
मूक पशुओं की पुकार को सुनने वाला नही हो सकता,
धन्य है हम जो हमें मिले इस जीवन में आचार्य श्री,
मक्षा मार्ग का आर्य प्रदर्शक इन जैसा कोई नही हो सकता |

जय जय गुरुदेव

ज्ञानमती माता ने जैसा ज्ञान दिया है हम सबको,
कठिन ग्रंथों को सरल रूप में पढ़ा दिया है हम सबको,
बता दिया है इस जग को नारी शक्ति क्या कर सकती
स्वयं सरस्वती बन कर के अभिमान दिया है हम सबको |

written by: श्रेय कुमार जैन

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